दिल्ली में आज-कल स्मॉग चल रहा है. बाजार से मास्क का स्टॉक खत्म है. जिन्होंने खरीद लिया वो मास्क पहने दिख रहे हैं. आंखों में जलन हो रही है. सांस लेने में दिक्कत हो रही है. तीन दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं. दिल्ली सरकार ने अगले पांच दिनों तक कोई भी कंस्ट्रक्शन या डिमोलिशन करने पर बैन लगा दिया है. आर्टिफीशियल रेन (कृत्रिम बारिश) के ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है. वैक्यूम क्लीनिंग और पानी का छिड़काव किया जाएगा. लोगों की सेक्स लाइफ प्रभावित हो गई है. इसकी वजह से लोगों के सेक्स में 30 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है. दिवाली के बाद दिल्ली में तकरीबन 17 सालों में सबसे खराब हालत है.
बहुत से ऐसे भारी मेटल्स हवा में तैर रहे हैं. स्मॉग के कणों में एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन, लेड कैडमियम और मरकरी है, जिसकी वजह से शरीर के हारमोंस प्रभावित हो रहे हैं. स्थिति खतरनाक है. पोल्यूशन कंट्रोल बॉडी ने इसे ‘पब्लिक इमरजेंसी’ करार दिया है.
इन सब के अलावा स्मॉग की वजह से लोगों की जान जानी शुरू हो गई है. रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं.
रविवार को रोहतक-गोहाना रोड पर तीन लोग मारे गए. आठ गाड़ियां एनएच-24 में टकरा गईं. करनाल में 70 गाड़ियों की टक्कर हो गई जिसमें एक औरत की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए.
शनिवार को भी हरियाणा के डबवाली जिले में एक वैन ट्रक से टकरा गई. इसमें छः लोगों की मौत हो गई और 13 लोग घायल हो गए. दो दिनों में स्मॉग की वजह से 13 लोग रोड एक्सीडेंट में मारे जा चुके हैं.
लोग अपनी गाड़ियां करनाल-दिल्ली हाइवे के किनारे पार्क किए रहते हैं. धुंध छंटने का इंतज़ार करते हैं.
प्रकृति का बैलेंस गड़बड़ हो गया है. सरकारें कुछ भी कर लें, बगैर लोगों की भागीदारी के इस प्रदूषण में कमी नहीं लायी जा सकती है. लोगों को इस बारे में जागरूक होना चाहिए.