ग्लेन फिलिप्स ने विराट कोहली को 0.68 सेकंड में कैच लेकर बनाया इतिहास, आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में फील्डिंग का नया बेंचमार्क

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20 नव॰
ग्लेन फिलिप्स ने विराट कोहली को 0.68 सेकंड में कैच लेकर बनाया इतिहास, आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में फील्डिंग का नया बेंचमार्क

जब ग्लेन फिलिप्स ने विराट कोहली को एक हाथ से जमीन छूते हुए कैच लिया, तो दुनिया ने सांस रोक ली। ये पल आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच आयोजित हुआ, जहां कोहली ने अपना 300वां वनडे मैच खेला था। फिलिप्स का ये कैच, जिसका प्रतिक्रिया समय 0.68 सेकंड दर्ज किया गया, अब तक का सबसे तेज़ रिएक्शन कैच माना जा रहा है — और ये सिर्फ एक शानदार पकड़ नहीं, बल्कि फील्डिंग के नए युग की शुरुआत है।

कैच कैसे हुआ? एक विज्ञान की तरह सटीक गति

कोहली ने गेंद को पॉइंट की ओर कट कर भेजा, और फिलिप्स ने दाएं ओर एक हाथ से झपट्टा मारा। ये सिर्फ एक अच्छा कैच नहीं था — ये एक अद्भुत शारीरिक प्रतिक्रिया थी। Sports Today के विश्लेषण के मुताबिक, मानव दृष्टि प्रक्रिया के लिए 0.15-0.3 सेकंड लगते हैं, जबकि फिलिप्स ने बस 0.68 सेकंड में गेंद की दिशा, गति और उसके आगे के रास्ते की गणना कर ली — और फिर उसे पकड़ लिया। ये वो वक्त है जब एक बल्लेबाज अभी तक गेंद को बाउंस करने की कोशिश कर रहा होता है, और फील्डर उसे बाहर कर चुका होता है।

क्यों ये कैच इतना खास है?

क्योंकि ये एक ऐसे बल्लेबाज के खिलाफ हुआ था जिसे दुनिया भर में फील्डिंग में चुनौती देना मुश्किल होता है। कोहली ने अपने 300 वनडे मैचों में इतनी बड़ी बार अपना खेल शुरू किया था, लेकिन फिलिप्स ने उसे एक ऐसे तरीके से बाहर किया जिसे कोई भी नहीं देखा था। इसके बाद, आईसीसी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक रील जारी की, जिसमें फिलिप्स के तीन शानदार कैच शामिल थे — और उस पोस्ट को 88,000 लाइक्स और 232 टिप्पणियां मिलीं। एक फैन ने लिखा: ‘अहेओ वो वो वो 🤧’ — ये बस एक टिप्पणी नहीं, ये एक भावना है।

केवल एक ही कैच नहीं, बल्कि एक श्रृंखला

फिलिप्स ने ये कैच बस एक बार नहीं लिया। टूर्नामेंट की शुरुआत में, कराची में पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान के खिलाफ भी उसने एक हाथ से एक अद्भुत कैच लिया। उसके बाद, ऑस्ट्रेलिया के मार्कस स्टोइनिस को भी सिडनी में टी20 विश्व कप के ओपनिंग मैच में उसने बाहर किया था। टूर्नामेंट के दौरान उसने कुल 5 मैचों में 4 कैच लिए, और उन सभी की औसत प्रतिक्रिया समय 0.72 सेकंड रहा। ये कोई भाग्य नहीं है — ये तैयारी है।

क्या ये बस एक कैच है? नहीं, ये एक नए युग की शुरुआत है

क्या ये बस एक कैच है? नहीं, ये एक नए युग की शुरुआत है

न्यूजीलैंड के हेड कोच गैरी स्टीड ने फील्डिंग को टीम की पहचान बनाने का फैसला किया था। उन्होंने फिलिप्स को पॉइंट पर रखने का रणनीति बनाई — जहां ज्यादातर कट्स आते हैं। इसका असर देखने को मिला। अब दुनिया के कई टीमें अपने फील्डर्स को रिएक्शन टाइम ट्रेनिंग दे रही हैं। विस्डेन के विश्लेषकों का कहना है कि अब फील्डिंग बस ‘अच्छी’ नहीं, बल्कि ‘एक्स्ट्रीम’ होनी चाहिए।

विराट कोहली का 300वां वनडे: इतिहास का एक अजीब ट्विस्ट

कोहली के 300वें वनडे को शायद ही कोई भूल पाएगा। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने दुनिया के सबसे बड़े बल्लेबाजों को भी अपने आगे झुकाया, अचानक एक कैच से बाहर हो गया। और ये कैच उसी खिलाड़ी ने लिया जिसने अपने आप को फील्डिंग के बादल में बदल दिया। कोहली ने इस मैच में शुरुआत अच्छी की — लेकिन फिलिप्स ने उसके बल्ले को रोक दिया। ये वो पल था जब इतिहास ने एक बल्लेबाज को बाहर किया, और दूसरे को अमर कर दिया।

अन्य फील्डर्स का प्रतिक्रिया: अभी तक कोई चुनौती नहीं

अन्य फील्डर्स का प्रतिक्रिया: अभी तक कोई चुनौती नहीं

न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने भी इसी मैच में रवींद्र जडेजा को कैच लिया — और उसे भी बहुत सराहा गया। लेकिन फिलिप्स के दो कैचों के बाद, किसी ने भी इसे टूर्नामेंट का ‘कैच ऑफ द टूर्नामेंट’ नहीं कहा। एक टीवी कमेंटेटर ने कहा: ‘हम जानते हैं, ये कैच ऑफ द टूर्नामेंट कौन है — ग्लेन फिलिप्स।’

आगे क्या होगा? फील्डिंग का नया नियम

अब ये बात चर्चा का विषय बन गई है कि क्या आईसीसी को फील्डिंग के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाना चाहिए — जैसे ‘रिएक्शन टाइम रिकॉर्ड’। टेक्नोलॉजी अब इतनी आगे है कि हर एक कैच का समय मापा जा सकता है। अगले वर्ष के विश्व कप में, शायद टीमें अपने फील्डर्स को रिएक्शन टाइम के आधार पर चुनेंगी। फिलिप्स ने बस एक कैच नहीं लिया — उसने फील्डिंग की परिभाषा बदल दी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ग्लेन फिलिप्स का ये कैच क्यों इतना खास माना जा रहा है?

क्योंकि इसकी प्रतिक्रिया समय 0.68 सेकंड है, जो आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे तेज़ दर्ज किया गया है। इससे पहले किसी का कैच 0.75 सेकंड से कम नहीं था। इसके अलावा, ये विराट कोहली के 300वें वनडे में हुआ, जिसका भावनात्मक महत्व भी बहुत ज्यादा है।

क्या ये कैच वास्तव में वैज्ञानिक रूप से मापा गया है?

हां, Sports Today ने हाई-स्पीड कैमरों के टाइमस्टैम्प (129-169) के आधार पर इसे मापा है। गेंद के बाउंस से लेकर कैच लेने तक का समय लगभग 0.68 सेकंड था — जो एक व्यक्ति की दृष्टि और प्रतिक्रिया की सीमा के करीब है।

क्या फिलिप्स ने इस टूर्नामेंट में अन्य कैच भी लिए हैं?

हां, उसने टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में पाकिस्तान के मोहम्मद रिजवान को भी एक हाथ से कैच लिया था। उसने कुल 5 मैचों में 4 कैच लिए, और उन सभी की औसत प्रतिक्रिया समय 0.72 सेकंड रहा — जो टूर्नामेंट का सबसे अच्छा औसत है।

क्या ये कैच फील्डिंग ट्रेनिंग में बदलाव ला सकता है?

बिल्कुल। अब कई टीमें फील्डिंग ट्रेनिंग में रिएक्शन टाइम ट्रेनिंग शामिल कर रही हैं — जैसे रिएक्शन बॉल्स, लाइट सिस्टम और वीडियो एनालिसिस। फिलिप्स का कैच दिखा दिया कि फील्डिंग सिर्फ तेज़ी नहीं, बल्कि विश्लेषणात्मक चेतना भी है।

क्या आईसीसी इसे आधिकारिक रिकॉर्ड के तौर पर मानेगा?

अभी तक कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन आईसीसी ने इसे अपने सोशल मीडिया पर ‘गेम-चेंजिंग कैच’ कहा है। अगले वर्ष तक ये शायद एक नया कैटेगरी बन जाएगा — ‘स्पीड कैच ऑफ द इयर’।

विराट कोहली के लिए ये कैच कितना कठिन था?

कोहली ने इस मैच में शुरुआत बहुत अच्छी की थी और वह अपने 300वें वनडे में शतक बनाने के कगार पर थे। फिलिप्स का कैच उनके इनिंग्स को तुरंत समाप्त कर दिया — जिससे भारत की टीम का तनाव बढ़ गया। ये एक ऐसा पल था जहां एक बल्लेबाज का सपना एक फील्डर के एक हाथ में टूट गया।