पंजाबी गायक हरमन सिधू की रोड एक्सीडेंट में मौत, 37 साल की उम्र में दुनिया से चले गए

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23 नव॰
पंजाबी गायक हरमन सिधू की रोड एक्सीडेंट में मौत, 37 साल की उम्र में दुनिया से चले गए

सुबह के अंधेरे में एक ट्रक और एक कार का सामने की ओर जबरदस्त टक्कर, जिसने एक पूरे जीवन को एक पल में खत्म कर दिया। हरमन सिधू, जिनकी आवाज़ दुनिया भर के पंजाबी युवाओं के दिलों में बस चुकी थी, शनिवार, 22 नवंबर 2025 को लगभग सुबह 3:04 बजे (भारतीय समय के अनुसार) मांसा-पटियाला सड़क पर खियाला गांव, मांसा जिला, पंजाब में एक भारी ट्रक से टकराकर उनकी मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि उनकी कार पूरी तरह नष्ट हो गई। बचा कुछ नहीं रहा।

क्या हुआ था उस रात?

हरमन सिधू शुक्रवार की रात को एक नए गाने के वीडियो की शूटिंग से लौट रहे थे। उनका घर था खियाला गांव — जहां वे पैदा हुए थे, जहां उनकी माँ अभी भी रहती हैं। रास्ते में उनकी कार का सामने से ट्रक से टकराव हो गया। पुलिस के अनुसार, ट्रक लाइन छोड़कर दूसरी ओर आ गया। हरमन की कार तुरंत नियंत्रण से बाहर हो गई। एक बार जब टक्कर हुई, तो कोई बचाव नहीं था। स्थानीय लोगों ने बताया कि टक्कर की आवाज़ गांव के दूसरे छोर तक सुनाई दी। एक बुजुर्ग ने कहा, "जैसे कोई आकाश टूट गया हो।"

कौन थे हरमन सिधू?

2012 में उनका गाना "Paper Te Pyaar" — जिसे कुछ स्रोत "Paper Ya Pyar" भी बताते हैं — जबरदस्त वायरल हुआ। मिस पूजा के साथ इस गाने ने उन्हें तुरंत स्टार बना दिया। उसके बाद "Koi Chakkar Nai", "Bebe Bapu", "Babbar Sher", और "Multan VS Russia" जैसे गानों ने उनकी पहचान को मजबूत किया। उनका यूट्यूब चैनल 12 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स के साथ था, और "Paper Te Pyaar" के 8.7 करोड़ से ज्यादा व्यूज़ थे। उनकी आवाज़ भारत, कनाडा, यूके और यूएसए में जीन जेड के बीच असली धमाका थी।

मौत से कुछ ही हफ्ते पहले, उन्होंने दो नए गानों की शूटिंग पूरी कर ली थी। उनका लक्ष्य था — दिसंबर 2025 तक इन्हें रिलीज़ करना। अब ये गाने उनकी आखिरी यादगार बन गए हैं।

परिवार का दर्द: एक बेटा, एक पिता, एक दादा

हरमन अपने माता-पिता के एकमात्र बेटे थे। उनके पिता की मौत मई 2024 में हो चुकी थी — लगभग 18 महीने पहले। उस समय भी परिवार टूट चुका था। अब उनकी माँ ने एक और बेटे को खो दिया। उनकी पत्नी रमन और छोटी बेटी अब अकेले हैं। हरमन ने इसी बेटी के साथ कुछ हफ्ते पहले एक इंस्टाग्राम रील शेयर किया था — उसमें वह उसे गोद में उठाए हुए थे, गाना गुनगुना रहे थे। अब वो रील एक अंतिम याद है।

सड़क का अंधेरा: मांसा-पटियाला रोड की खतरनाक वापसी

सड़क का अंधेरा: मांसा-पटियाला रोड की खतरनाक वापसी

यह सड़क — 78 किमी का यह रास्ता — पंजाब में सबसे खतरनाक मानी जाती है। पंजाब रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच साल में इस सड़क पर हुए मौतों के 32% हेड-ऑन कॉलिजन से हुए हैं। रात के समय लाइट्स की कमी, अतिवेग, और ट्रकों का अनियंत्रित चलन — ये सब एक बारिश की तरह लगातार चल रहा है। लेकिन कोई नहीं सुनता।

हरमन की मौत के बाद लोग अब पूछ रहे हैं: क्या यह बस एक दुर्घटना थी? या यह एक अनदेखी आपात स्थिति का नतीजा है? जब तक ये सड़कें बेकाबू रहेंगी, ऐसे और हरमन सिधू मिलेंगे।

पुलिस और अगले कदम

खियाला पुलिस स्टेशन ने फर्स्ट इनफॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) नंबर 487/2025 दर्ज की है। जांच अभी चल रही है। क्या ट्रक ड्राइवर ने सावधानी नहीं बरती? क्या उसकी नींद आ गई थी? क्या ट्रक ओवरलोड था? अभी तक कोई जवाब नहीं।

हरमन का शव मांसा सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां पोस्टमॉर्टम किया गया। उनकी अंतिम यात्रा 23 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे खियाला गांव में होगी। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रमुख कलाकार दिलजीत दोसांझ और गिप्पी ग्रेवाल भी उन्हें अंतिम विदा देने आएंगे। लेकिन ये सब तो बस एक नमकीन आंखों का इंतज़ार है।

क्या बदलेगा अब?

क्या बदलेगा अब?

हरमन की मौत ने सिर्फ एक परिवार को नहीं, एक पूरी संस्कृति को झकझोर दिया है। उनके गाने अब रोने के लिए हो गए हैं। लेकिन अगर इस दर्द के बाद भी कोई नहीं बदलता — न सड़कें, न नियम, न जागरूकता — तो यह मौत बस एक और आंकड़ा बन जाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हरमन सिधू के अंतिम गाने कब रिलीज़ होंगे?

हरमन सिधू ने मौत से कुछ ही हफ्ते पहले दो नए गानों की शूटिंग पूरी कर ली थी, जिन्हें दिसंबर 2025 तक रिलीज़ करने की योजना थी। अब इन गानों को उनके रिकॉर्ड लेबल ने अंतिम उपहार के रूप में रिलीज़ करने की घोषणा की है। इन्हें उनकी याद में समर्पित किया जाएगा।

हरमन सिधू के परिवार के बारे में क्या जानकारी है?

हरमन के पिता की मौत मई 2024 में हो चुकी थी, जिसके बाद वे अपनी माँ, पत्नी रमन और छोटी बेटी के साथ रहते थे। उनकी पत्नी को कुछ स्रोत उनकी "अलेगेड वाइफ" कहते हैं, लेकिन परिवार ने इसे अस्वीकार नहीं किया है। उनकी बेटी अभी छोटी है — जिसे वे अपने आखिरी इंस्टाग्राम रील में गोद में लिए हुए दिखाया गया था।

मांसा-पटियाला सड़क पर ऐसी दुर्घटनाएं क्यों होती हैं?

पंजाब रोड सेफ्टी डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच साल में इस सड़क पर 32% मौतें हेड-ऑन कॉलिजन से हुई हैं। रात में लाइट्स की कमी, अतिवेग, और ओवरलोडेड ट्रकों का अनियंत्रित चलन मुख्य कारण हैं। स्थानीय लोगों ने लगातार सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

हरमन सिधू की मौत ने पंजाबी संगीत उद्योग पर क्या प्रभाव डाला?

हरमन की मौत ने पंजाबी संगीत के जीन जेड फैन्स को गहरा झटका दिया है। उनकी आवाज़ युवाओं के लिए एक प्रेरणा थी। अब कई कलाकारों ने उनके लिए गाने जारी किए हैं। दिलजीत दोसांझ और गिप्पी ग्रेवाल जैसे स्टार्स ने सोशल मीडिया पर उनकी याद में पोस्ट किए हैं। उद्योग अब अपनी सुरक्षा नीतियों पर भी पुनर्विचार कर रहा है।