Swachh Bharat Abhiyan – स्वच्छ भारत अभियान

0
1141
Share on Facebook
Tweet on Twitter

एक बार की बात है। एक स्वच्छ भारत था। फॉर्मेलिटी के लिए ही सही, सब उसे साफ रखने की कोशिश करते थे। सरकारी आर्डर थे इसलिए अफसर से लेकर शिक्षक तक झाड़ू लगा रहे थे, और झाड़ू लगाने के लिए रखे गये कर्मचारी उसी दफ्तर में तम्बाकू चबाते हुए घूमा करते थे। हर कम्पनी और एनजीओ अपने अपने प्रमोशन के लिए सड़कों पर स्लेफी विद झाड़ू जैसे अभियान चला रहे थे। बदला कुछ नहीं। पेशाब वो आज भी सड़क किनारे कर ही देते हैं, कण्ट्रोल नहीं कर पाते होंगे शायद। या पीक देते हैं राह चलते, बिना देखे की पीछे कोई आ भी रहा है या नहीं। चलती ट्रेन से पटरियों पर मनों कचरा फेंकते हुए चलते थे हम और फिर स्टेशन पर पहुंचकर कहते थे “कितना गन्दा है, सरकार साफ़ सफाई नहीं करती ज़रा भी, हराम की लग गयी है बस, अमेरिका में होते तो ये सब न होता”.. अक्सर देखा जाता था कि कोई नेता जी कचरा साफ़ करते हुए फोटो डालते थे तो उसमे सूखी पत्तियां, थोड़े से फूल और ज़रा सी मिटटी होती थी जबकि जब आम आदमी डालता था तो उसके कचरे में ढेर सारा गोबर, थूक से रंगी हुई दीवारें, सड़े गले से कचरे की फिल्टर्ड फोटो होती थी। नेता जी का तो कचरा तक हाईजेनिक था। कुछ और लोग थे भौतै अजीब, मॉल में जाकर नुक्कड़ करके कहते थे कि भारत स्वच्छ करो। अरे बाबा ! वहाँ तो पहले से ही सब साफ़ है, वहाँ किसे अवेयर कर रहे हो ? फ़्लैश मोब में वाका वाका पर डांस करके स्वच्छ भारत लाने चले थे कुछ युवा तो। इत्ता सब करने के बाद हुआ क्या ? वो कचरा फिर वहीँ का वहीँ है। हाँ, कुछ प्राइवेट कंपनियों ने और कुछ सम्माननीय लोगो ने वाकई में बदलाव लाने की कोशिश भी की थी, पर अकेला व्यक्ति कब तक झाड़ू मारे। हम अकेले होते हैं तो केले का छिलका तक साइड में रख लेते हैं ये सोचकर कि जब उठेंगे तब डाल देंगे। पर अक्सर हम उठते ही नहीं है। हम तो सो रहे हैं। कौन पानी टिक्की पीकर डस्टबिन ढूँढने का कष्ट करे। सिगरेट के आखिरी छल्ले को तो उड़ा के फेंकना ही फैशन है। कुछ जगह तो लोग डस्टबिन तक उठा ले गये। स्वच्छ भारत अभियान एक वास्तविक पहल थी, जरूरत थी हमें उसकी, पर स्वच्छ भारत शायद अब सिर्फ काग़ज़ों में रह गयी है। बाकी कोई अस्तित्व नहीं। वैसे पहल हमने भी की थी उसकी सहेलियों से, पर जाने क्या बात पहुंचाई हैं उन्होंने उस तक, मुंह बनाकर चली जाती है आज कल। शायद सिर्फ पहल करने से कुछ नहीं होगा, सतत निरंतर प्रयास की जरूरत है, तभी मिल पाएंगे।

SHARE
Facebook
Twitter
Previous articleBeware: the world’s most polluted cities named Doon
Next articleINTJAR – इन्तजार
Founded in 2015, Namaste Dehradun is an Individual Website About Uttarakhand to promote the Culture, Tourism and social life of Uttarakhand. We want provide information about the addictive beauty of the state and, different spots of uttarakhand.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here