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छोटे शहर की एक आम बस

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​ ये सरकारी बस थी भी या नहीं ये तो नहीं पता, मगर इसका किराया बिलकुल सरकारी था। मात्र तैंतीस रूपए। बस में घुसा तो बहुत सीटें खाली दिखाई दे रही थी। अलावा विंडो सीट के।...

Hopeless Romantic – A Sort Love Story

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आधी रात में जगा के कहती हो कि "उठिए! हमें डाँस करना है आपके साथ!" और हमको ज़बरजसती उठा के "लग जा गले कि फिर ये हँसीं रात हो न हो.." पर नींद में...

दिल्ली में असली सोनम गुप्ता से मिलने का मौका

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10 के एक नोट पर लिखा एक नाम और साथ में बेवफाई का इल्ज़ाम. नोट रातों-रात वायरल. एक काल्पनिक सोनम गुप्ता की कथित बेवफाई पर चर्चा करता देश. असली कहानी का अंदाज़ा लगाते लोग. अलग-अलग नोटों...

बैंक और ATM की लाइन में लगते वक्त ये जान लें!

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पांच सौ और हजार के नोट पूरी करेंसी में 86 फीसदी थे. बंद होने के बाद अब उनकी कमी पड़ गई है. सरकार ने पुराने नोट एक्सचेंज करने की लिमिट भी दो हजार कर...

जानिए, नोट बैन करके मोदी ने कितना काला धन कम कर दिया!

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500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद बैंकों के बाहर लंबी कतारें हैं. ATM मशीनों का बुरा हाल है. 100 का नोट सर्वोपरि है और लोग कम खर्चे में गुजारा करने को मजबूर हैं. ये हालात...

ये तस्वीरें दिखाएंगी नोटबंदी के बाद देश का हाल कैसा है

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Source : Reuters देश नोटबंदी की मार झेल रहा है. लोगों की जिंदगी एटीएम और बैंक के चक्कर काटने में निकल रही है. लोग काम-धंधा छोड़कर बस ये सोच रहे हैं कि खुद के पैसे...

नोट बैन ने नरेंद्र मोदी को विनर बना दिया है

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बैन हो चुके हजार के नोट ये आर्टिकल मूलत: डेली ओ के लिए सुनील राजगुरु ने लिखा है, जिसका हिंदी तर्जुमा हम आपके लिए पेश कर रहे हैं. नोटबंदी का सही मतलब अभी तक सही तरीके...

एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते?

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कहते हैं एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते। तुमसे मिलने के बाद समझ आया कि लोग भी क्या-क्या बकवास कहते हैं! वैसे तो मैं शुरू से इस बात पर विश्वास नहीं...

ऐसे रोचक तरीके से चुना जाता है दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान

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अमेरिका के प्रेसिडेंट का नाम 7 नवंबर को पता चल जाएगा. हर बार नवंबर में ही होता है चुनाव. पिछले एक साल से हल्ला मचा हुआ है दुनिया में. कभी ट्रंप आगे आ जाते...

सब प्रधानमंत्री से क्यों पूछ रहे हैं, ‘सर, बागों में बहार है?’

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सही और गलत कोई मूर्त धारणा नहीं है. दोनों की ‘समग्रता’ को छुआ नहीं जा सकता, क्योंकि उसका वजूद ही नहीं है. इसीलिए ये दुनिया दलीलों से चलती है. उसी से तय होता है अपना-अपना सही....